Wednesday, 11 January 2023

शनि बिछाएगा राजनीति की नई बिसात


                 

·        17 जनवरी 23 से बिगुल बजेगा

·        सत्ता संघर्ष में होगी कांटे की टक्कर

·        राजा महाराजाओं को आएगा पसीना

·        कई बड़े नेताओं का सुखद रिटायरमेंट

          शनि 17 जनवरी को राशि परिवर्तन करते हुए मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। करीब 30 साल बाद शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। शनि यहां 2025 तक विराजमान रहेंगे।

आइए जानते हैं सर्वसामान्य पर 17 जनवरी 2023 से होने वाले शनि के परिवर्तन का क्या प्रभाव रहेगा । प्रदेश टुडे समाचार-पत्र में ज्योतिषाचार्य पं. कपिल शर्मा ने 17 जनवरी 23 से शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर देश और मध्यप्रदेश में संभावित राजनैतिक प्रभावों का जिक्र किया है। 

शनि महाराज॑ का कुंभ का गोचर ढाई वर्षों तक मध्यप्रदेश और देश की राजनीति में नए-नए रंग दिखाएगा। शनि का कुंभ में गोचर हमारे देश को एक नई ऊर्जा, एक नई मजबूती प्रदान करेगा। हमारा देश वैश्विक पटल पर एक महाशक्ति के रूप में उभरेगा।

               मध्यप्रदेश की राजनीति में सालों से मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे नेताओं के सपने, सपने ही बनकर रह जाएंगे। आश्चर्यचकित करने वाले परिणाम दृष्टिगोचर होंगे। कुछ राजनेता भयग्रस्त होंगे, कुछ अस्थिरता में फंसे रहेंगेकुछ प्रदेश से तो कुछ अपनी ही पार्टी से पलायन कर जाएंगे। कुछ समय की तेज धार में बह जाएंगे, कुछ हनुमान जी की कृपा से नई ऊर्जा नई शक्ति के साथ फिर छा जाएंगे। कुछ भरी सभा में सरेआम दंड देने वाले शनि महाराज के न्यायालय में पेश किए जाएंगे।  कुछ सम्मानजनक स्थिति में कहीं दूर बिठाए जाएंगे।

               सत्ता के संघर्ष में कांटे की टक्कर होगी। बड़े-बड़े राजा महाराजाओं को भी पसीना आएगा। वर्षों के संघर्ष और तपस्या से राजनीति करने वालों के लिए. अब शुभ समय आएगा। प्रदेश की राजनीति में कई बड़े राजनेताओं के राजनीति का सुखद रिटायरमेंट आएगा। सत्तारूढ़ दल के लिए सत्ता पाना आसान नहीं, किंतु हनुमान जी की कृपा और मां बगलामुखी के आशीर्वाद से सत्ता का सुफल आएगा। नारी शक्ति की नव ऊर्जा का संचार होगा, सत्ता की शक्ति में प्रदेश और देश में नारी शक्ति का अधिकार प्रभाव बड़ेगा सत्तारूढ़ दल में अंतरकलह, नेतृत्व परिवर्तन, नए लोगों को अवसर अवश्य मिल जाएंगे। सरकार में बैठे बड़े अहम और खास लोगों के लिए शनि महाराज का गोचर संघर्ष एवं मानसिक व्यथा का कारण बनेगा। किंतु शनि का कुंभ में गोचर देश की राजनीति में सत्तारूढ़ दल को युवा तरुणाई बनाएगा।

              कांग्रेस के लिए भी राह आसान नहीं रहेगी। अभी सत्ता का दर्शन दूरदर्शन ही रहेगा। शक्ति बढ़ेगी सूम-बूझ और समझ के साथ कांग्रेस नेतृत्व अपने आप को मजबूत करेगा और आम जनता के बीच अपनी अलग छवि निर्मित करने में सफल रहेगा। किंतु आपसी कलह के कारण लक्ष्य पाना मुश्किल है,कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व देश और प्रदेश में शक्तिशाली तो होगा पर सत्ता का स्वाद मिलना आसान नहीं। नई नीति-रीति के साथ कांग्रेस का पुनः उदय हो जाएगा, किंतु लक्ष्य प्राप्ति दूर है अभी।

            इस ढाई वर्ष की अवधि में समाज के ऐसे व्यक्तियों को आकस्मिक रूप से राज योग प्राप्त होगा, जो कर्मठ है, कर्मशील है, एवं पद के लोलूप नहीं है, जो सक्रिय राजनीति में भी नहीं है, उन्हें शनि महाराज राजनीति के माध्यम से सेवा का अवसर प्रदान करवाएंगे। यह भारतीय राजनीति के नए स्वर्णिम युग का प्रारंभ होगा। जहां नई विचार क्रांति के साथ राजनीति दल आगे बढ़ेंगे। शनि महाराज राजनीति पर विशेष अधिकार बाले ग्रह हैं। पौराणिक आधारों पर राजा को रंक और रंक को राजा बनाने का करिश्मा शनि देव ही करते है